📄️ भूत भगाओ मन्त्र
दिनकर के आगमन का संदेशा मिलते ही प्रकृति ने एक नए दिन की घोषणा कर दी। रोज की तरह सूर्य देव अपने रथ पर आरूढ़ हुए तो पूरा जगत प्रकाशित हो गया। देखने जाए तो सूर्य का उदय ही सहज प्रकाश का काम करता है। भले ही फिर जन्मांध उस सूर्य को स्वीकार करे कि न करे। आकाश में सूर्य एक हकीकत है, सत है; एक अविवादित वास्तविकता है।
📄️ दिन थे दिवाली के…
जैसा की आप सब को पता ही होगा, इन दिनों में लोग नए-नए कपडे ख़रीदते हैं, उनको पहनते हैं और हँसी-खुशी से एक दूसरे से मिलते-झूलते हैं।