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Write ups

Thought-provoking write-ups about various life experiences, insights and reflections.

📄️ भूत भगाओ मन्त्र

दिनकर के आगमन का संदेशा मिलते ही प्रकृति ने एक नए दिन की घोषणा कर दी। रोज की तरह सूर्य देव अपने रथ पर आरूढ़ हुए तो पूरा जगत प्रकाशित हो गया। देखने जाए तो सूर्य का उदय ही सहज प्रकाश का काम करता है। भले ही फिर जन्मांध उस सूर्य को स्वीकार करे कि न करे। आकाश में सूर्य एक हकीकत है, सत है; एक अविवादित वास्तविकता है।

📄️ जब एक रतन अनमोल है तो…

१०८ जिनमंदिर से सुशोभीत - चैतन्य अतिशय को प्रतिबिंबित करने वाला - पपोरा जी अतिशय क्षेत्र के दर्शन के लिए हम दिवाली के दिनों में पहुंचे। ७४ जिनमंदिर के दर्शन करने के पश्चात क्षुधा रोग से व्याकुल हम कुछ हल्का-फुल्का नाश्ता करने वहां की “जैन कैंटीन” में गए। उस कैंटीन में एक मा जी हमारे लिए पोहे और चाय बना रही थी। उनकी बहु को कुछ सुनने की तकलीफ थी।  इसलिए कोई भी छोटे-मोटे काम के लिए वह उनके पोते को - जो आज स्कूल न जाने का बहाना करके घर पर था - उसे ही आवाज दे रही थी।

📄️ मोह महा-“मद” पियो अनादि

जीवन में एक बार “गोवा जाने का प्लान सफल होना” हमारी उम्र के युवाओ के लिए मानो एक बड़ी उपलब्धि पाने जैसा है - ऐसा कहो तो कुछ गलत नहीं होगा। बचपन से ही स्कूल में, कॉलेज में सब दोस्तों ने कभी न कभी एक बार तो यहाँ जाने की प्लानिंग जरूर की होगी। मैं भी उन भाग्यशालिओ में से ही हूँ। मित्रों के साथ न सही तो हमारी ऑफिस से पिछले महीने में गोवा में एक गेट-टुगेदर जैसा आयोजन किया था। मेरी वह गोवा की ट्रिप बड़ी यादगार रही थी - जिसकी कुछ प्रयोजनभूत बातें मैं आपके साथ करना चाहता हूँ। जो मैंने अपनी आँखों से देखा और अनुभव की उसे “वैसा का वैसा”; बिना किसी अदल-बदल के प्रस्तुत कर रहा हूँ।